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क्या हवा-हवाई साबित होगा बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन का लॉलीपॉप? विभाग को अभी तक नहीं मिला कोई स्पष्ट निर्देश

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          लखनऊ। विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट के बीच शिक्षकों के प्रमोशन का मामला भी तूल पकड़ता जा रहा है। कुछ दिनों पहले बेसिक शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में बाकायदा पत्र जारी कर विभाग को निर्देश दिया था कि शिक्षकों के लटके हुए प्रमोशन अभिलंब पूर्ण किए जाएं। लेकिन यह शासनादेश भी हवा-हवाई साबित हुआ। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ की गोरखपुर इकाई ने अपने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पर दबाव बनाकर अप्रैल माह में ही वरिष्ठता सूची बनाने के लिए बातें कर दिया था। तत्पश्चात माह अक्टूबर में, फिर नवंबर में और अब दिसंबर में शिक्षक संघ ने वरिष्ठता सूची प्रकाशित करने के लिए दबाव बनाया।   तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के निलंबन के बाद वर्तमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेन्द्र कुमार ने वरिष्ठता सूची का अंतिम प्रकाशन तो कर दिया। किंतु प्रमोशन के लिए अभी भी शिक्षकों को बाट जोहने पड़ रही है। शिक्षक संघ की जिला इकाई ने धमकी दी है कि यदि प्रमोशन न किए गए तो वो आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। शिक्षक संघ की धमकी के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सचिव को पत्र लिखकर प्रमोशन...

आठ लाख ही रहेगी आय सीमा, गरीब सवर्णों को आरक्षण के मानकों में फ़िलहाल बदलाव के मूड में नहीं सरकार

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               नई दिल्ली। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों (ईडब्ल्यूएस) को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए तय मानकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सवालों से सरकार वैसे तो भारी उलझन में है, लेकिन फिर भी वह अभी इसके लिए तय मानकों में किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं है। यानी मौजूदा समय में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए आठ लाख रुपये सालाना आय सहित जो मानक तय हैं, फिलहाल वही बरकरार रहेंगे। यह बात अलग है कि सरकार भविष्य में इसके मानक तैयार करने के लिए एक स्पष्ट गाइडलाइन तैयार करेगी ताकि भविष्य में इसे लेकर किसी भी तरह का सवाल खड़ा न हो सकें।        फ़िलहाल ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मानकों को लेकर पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने से सरकार अभी इस मामले पर कुछ भी खुलकर कहने से बच रही है, लेकिन जो संकेत दिए गए हैं उससे साफ है कि मौजूदा मानकों के आधार पर जिन्हें दाखिला दिया जा चुका है या जिनकी मेरिट तैयार हो गई है, उनमें अब बदलाव किसी भी तरह से संभव नहीं होगा। बदलाव से दाखिले की पूरी प्रक्रिया प्रभावित होगी।        ...

बजट से पहले सरकार देगी तोहफ़ा, कर्मचारियों की बढ़ सकती है बेसिक पे

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            नई दिल्ली। केंद्र सरकार नए साल के मौक़े पर सरकारी कर्मचारियों को शानदार तोहफ़ा दे सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोदी सरकार फ़िटमेंट फ़ैक्टर को बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। फिटमेंट फ़ैक्टर दरअसल केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए बेसिक वेतन तय करता है।          अगर मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाती है तो कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन यानी बेसिक सैलरी बढ़कर 26,000 हो सकती है। अगर बजट से पहले कैबिनेट की मंज़ूरी मिल जाती है तो हो सकता है कि बजट से पहले यह लागू भी कर दिया जाए।          दरअसल, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की लंबे समय से मांग है कि सातवें पे कमिशन में दिए गए उनके फिटमेंट फैक्टर को 2.57 फ़ीसदी से बढ़ाकर 3.68 फ़ीसदी कर दिया जाए। अब चुनावी माहौल के दृष्टिगत ऐसी उम्मीद है कि 1 फरवरी 2022 को पेश होने वाले बजट से पहले केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर पर फ़ैसला हो सकता है।        केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर को केंद्रीय कैबिनेट से ...

कोरोना काल में रुके हुए डीए एरियर भुगतान की आज हो सकती है घोषणा, एक लाख से भी अधिक आ सकते हैं खातों में।

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            नई दिल्ली। क्रिसमस पर लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात मिल सकती है। बहु प्रतीक्षित 18 महीने के DA एरियर का भुगतान करने पर केंद्रीय कैबिनेट में आज विचार किया जा सकता है।        केन्द्रीय कर्मचारियों को क्रिसमस पर एक सौगात मिलने वाली है। कर्मचारियों के बकाया 18 महीने के डीए एरियर का भुगतान केंद्र सरकार जल्‍द ही कर सकती है। अगर बकाया डीए एरियर का भुगतान किया जाता है तो तकरीबन 48 लाख कर्मचारीयों और 60 लाख पेंशनर्स को बड़ा फ़ायदा मिल सकता है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 18 महीने के बकाया एरियर पर सरकार क्रिसमस से पहले बड़ा फ़ैसला कर सकती है। हालांकि इसे लेकर अभी कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।          केन्द्र सरकार की ओर से 24 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक होनी है, जिसे लेकर यह क़यास लगाए जा रहे हैं कि इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्मचारियों के बकाया डीए को खाते में भेजने की घोषणा कर सकते हैं। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्‍वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) की ओर से यह मांग भी रखी गई है कि महं...

शिक्षा विभाग में रखे जाएंगे अब गुणवत्ता समन्वयक

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         लखनऊ, बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता पर नज़र रखने के लिए अब ब्लॉक स्तर पर गुणवत्ता समन्वयक रखे जाएंगे। प्रदेश भर में 880 समन्वयक मानदेय पर रखे जाने हैं। इन्हें 16,383 प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। महानिदेशक स्कूली शिक्षा अनामिका सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।        यह कोआर्डिनेटर समग्र शिक्षा अभियान के तहत गतिविधियों को सुचारू रूप से सम्पादित किए जाने और प्रबंधन संबंधी कामों की मॉनीटरिंग करेंगे। ये कोआर्डिनेटर सभी 880 ब्लॉक संसाधन केन्द्रों और 59 नगर संसाधन केन्द्रों में रखे जाएंगे। इन्हें संविदा पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखा जाएगा। इसके लिए निविदा निकाली जाएगी। फिलहाल इनकी संविदा 31 मार्च, 2022 तक की होगी। जेम पोर्टल के माध्यम से चयन किया जाएगा। यह कोआर्डिनेटर दीक्षा ऐप, मिशन प्रेरणा, डीबीटी, निष्ठा, एमडीएम, अध्यापक व छात्र उपस्थिति, निरीक्षण, ऑपरेशन कायाकल्प, एसएमसी और मानव संपदा पोर्टल समेत अन्य मॉड्यूलों की नियमित मॉनिटरिंग करेंगे।

"हमारा आंगन- हमारे बच्चे" उत्सव के माध्यम से शिक्षकों ने जानी निपुण भारत योजना की बारीकियां

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        ग़ाज़ियाबाद, ज़िला स्थित   रज़ापुर ब्लॉक क्षेत्र के खण्ड शिक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार की अध्य्क्षता में बेसिक शिक्षा विभाग ने हमारा आँगन-हमारे बच्चे उत्सव मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बृजभूषण  चौधरी ने किया।         इस अवसर पर जिला समन्वयक डॉ राकेश,  गौरव त्यागी और डाइट मेंटर शिखा द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बृजभूषण चौधरी ने प्री प्राइमरी शिक्षा की आवश्यकता पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए अध्यापकों को शिक्षा हित की यह योजना एडॉप्ट करने के लिए प्रेरित किया। खण्ड शिक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया। उन्होंने अपने संबोधन में कार्यक्रम की संक्षिप्त जानकारी दी।         उत्सव में ए आर पी आरती वर्मा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मुख्य बातों पर प्रकाश डाला तो एकेडमिक रिसोर्स पर्सन रेनू चौहान द्वारा  बताया गया कि आंगनवाड़ी और बेसिक शिक्षा दोनों विभागों के आपसी समन्वयन और प्रयासों से हम बेसिक शिक्षा विभाग ...

तीन दिवसीय शारदा प्रशिक्षण सम्पन्न- स्कूल छोड़ चुके बच्चों को वापस स्कूल में लाकर शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ेंगे प्रधानाध्यापक

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            ग़ाज़ियाबाद, आउट ऑफ स्कूल बच्चों के विशेष शिक्षण हेतु संघनित पाठ्यक्रम पर आधारित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण बुधवार को बी०आर०सी० रज़ापुर पर संपन्न हुआ।            यह प्रशिक्षण खण्ड शिक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार अध्यक्षता में 2 से 8 दिसंबर तक 2 बैचों में पूर्ण किया गया। प्रत्येक बैच में 36-36 प्रधानाध्यापकों ने प्रतिभाग किया। मास्टर ट्रेनर की भूमिका में  ए०आर०पी० रेनू चौहान, रेनू तिवारी और प्रज्ञा श्रीवास्तव रहे। जिन्होंने ड्राप आउट बच्चों का चिन्हीकरण, उनका दोबारा विद्यालय में दाखिला और उन बच्चों को विद्यालय में ठहराव के कई  कारगर उपाय बताए। मास्टर ट्रेनर्स की ओर से यह भी बताया गया कि संघनित पाठ्यक्रम और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से हम  इन ड्रापआउट  छात्रों का अधिगम स्तर बढ़ा सकते हैं। इस प्रकार स्कूल छोड़ चुके ऐसे बच्चों को शिक्षा की  मुख्य धारा से जोड़ सकते हैं।            इस प्रशिक्षण में  रज़ापुर के सभी ...

पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर गांव वालों ने बनाई इस्लाह कमेटी- इमामों के साथ आवश्यकतानुसार प्रशासन का भी लेंगे सहारा

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          हापुड़, अच्छाइयों का हुकुम देकर समाज को बुराइयों से रोकने की एक नई पहल की गई है। नशे की बढ़ती हुई लत और जिहालत को तमाम बुराइयों की जड़ बताया गया।             जनपद की तहसील धौलाना के गांव पिपलैड़ा में आयोजित बैठक में गांव वालों ने समाज को बुराइयों से रोकने का प्रण लिया। क्षेत्र के सबसे पुराने मदरसा तअ़लीमुल इस्लाम में जुटी भीड़ ने नशा, जुआ, चोरी और निरक्षरता जैसी सामाजिक बुराइयों पर गहरी चिंता व्यक्त की। सभा में वक्ताओं ने एक मत होकर नशे को सभी बुराइयों की जड़ बताया। बीड़ी- सिगरेट से लेकर अफ़ीम, गांजा और चरस जैसे तमाम तरह के नशे की बढ़ती हुई लत को समाज के लिए बेहद हानिकारक बताया गया। कहा गया कि नौजवानों से होती हुई नशे की यह लत अब किशोरों में भी आ गई है। नशा करने के लिए ही आज का युवा वर्ग जुआ-सट्टा ही नहीं बल्कि चोरी की तरफ़ भी बढ़ रहा है।             कार्यक्रम के संयोजक चौधरी कामिल नंबरदार ने अनेकता में एकता न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि पूर्व में भी गांव से अपराध ग्राफ़ को कम करने ...

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आठवीं पास भी बन सकेंगे अग्निवीर

दिन में छह बार देनी होगी बेसिक शिक्षकों को अपनी हाज़िरी, अपलोड करना होगा सेल्फी से सुबूत

समस्या और तनाव प्रबंधन के गुर सीखने के बाद अध्यापक बनाएंगे आत्मजागरूक और साहसी समाज

जीवन कौशल प्रशिक्षण के दूसरे बैच में शामिल हुए सौ प्रतिभागी, जानेंगे WHO के 10 जीवन कौशल

विशेष दिनों के प्रति जागरूक करते हुए छात्राओं को बांटे सैनिटरी पैड्स

ख़त्म होगा पांच साल का इंतज़ार, परिषदीय शिक्षकों की पदोन्नति का शासन को भेजा प्रस्ताव