पहले भी कई बार आ चुकी है महामारीया।
कोरोनावायरससे हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया संघर्ष कर रही है लेकिन कोरोनावायरस का कोई तोड़ अथवा वैक्सीन नहीं तैयार कर पाई है। इससे मरने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ने के साथ-साथ इससे प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या भी निरंतर बढ़ती जा रही है। जिससे पूरी दुनिया में दहशत और आतंक का माहौल बना हुआ है। इसे रोकने के लिए अपने अपने स्तर पर सभी देशों की सरकारें और वहां के वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए सभी देशों ने सरकारी सतह पर अपने अपने यहां लोग डाउन की घोषणा कर रखी है, कहीं पर वहां की जनता सरकारों द्वारा घोषित लोग टाउन प्रक्रिया का ईमानदारी के साथ पालन कर रही है तो कहीं लोग उठाऊंगा पावर पालन कराने के लिए सरकार अपने नागरिकों के साथ कढ़ाई के साथ पेश आने और बलपूर्वक इसे फल सफल बनाने का भरसक प्रयास कर रही है। जिसमें अभी तक अभी तक पूरी तरह लोग डाउन कराने में कामयाबी नहीं मिल पा रही है, याद रहे इस तरह की महामाई दुनिया में पहली बार नहीं बल्कि अनेकों बार आई है, सन 1347 से 1351 तक ब्लैक डेथ का तांडव था तो उसके बाद 18 सो 96 में प्लेन का तांडव दुनिया भूल ही नहीं है, इसके बाद कालरा 1817 से 1923 के दरमियान तकरीबन 6 वाट दुनिया में फैला तो वहीं 61 में सातवें बार फैला। याद रहे स्पेनिश फ्लू ने 1998 में आतंक फैलाया इसमें हजारों नहीं बल्कि लाखों लोगों को अपनी जानें गंवानी पड़ी, कोरोनावायरस दुनिया में जानकारी के मुताबिक १७ वी महामारी है। उल्लेखनीय है कि पिछले 2 सालों से लगातार कुछ अंतराल के बाद एक नई महामारी सामने आई है कोरोना से पूर्व ब्लैक डेथ, प्लीज, स्पेनिश इनफ्लुएंजा आदि बीमारियों के नाम से भी मामा रे अपना आतंक फैला कर रही है। इनके फैलने के दौरान तो पूरी दुनिया में शोर और हां कार मचता है लेकिन रुकते ही सब कुछ पूरी दुनिया भूल जाती है, इसके फलने फूलने और थमने के बाद सभी देश हथियारों के साथ-साथ रासायनिक हत्यारों की दौड़ में अपने आप को आगे ले जाने के लिए जुड़ जाते हैं और आने वाले महामारी औरतों को पूरी तरह नारायणदास करने पर उतर आते हैं। इस बार भी कोरोनावायरस के आतंक के थमने और भयंकर तबाही के बाद सभी देशों की सरकारें पूर्व की भांति अपने पुराने ढर्रे पर चल पड़ेगी ,मगर जरूरत है संभलने की, इस प्रकार की मामा से कैसे बचा जाए उनका उपाय तलाशने कीi