लोकडाउन से परेशान लोगों का उमड़ा सैलाब दिल्ली बस अड्डे पर।
नई दिल्ली, लोकडाउन का चौथा दिन पूरा हुआ 21 दिन के लोकडाउन में अभी तक 17 दिन शेष है, परंतु पिछले 4 दिनों में जो मारामारी मची है उससे भारत सरकार की नींद हराम हो गई है। लोग डाउन के चलते स्थिति इतनी भयानक हो गई है दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे एनसीआर से पलायन करने के लिए मजबूर है, दिल्ली अंतर्राज्यीय बस अड्डे और मेट्रो स्टेशन से ही पैदल पैदल अपने घरों के लिए जाने को मजबूर है। यह सिलसिला पिछले 3 दिनों से चल रहा है परंतु अब 3 दिन बाद केंद्र सरकार ने तमाम राज्य सरकारों को चेतावनी दी है ऐसे पलायन करने वाले मजदूरों की मदद की जाए, इनके खाने-पीने और रहने के साथ-साथ इनके उपचार की भी व्यवस्था की जाए। याद रहे यह बात उन्हीं मजदूरों के संदर्भ में कहीं गई है जो कैंपों में है उनके लिए नहीं जो सड़कों पर पैदल ही अपने-अपने कस्बो देहात और गांव चल दिए हैं।याद रहे कि पिछले 24 घंटे में कोरोनावायरस के 94 नए मामले सामने आए हैं जबकि इनकी कुल संख्या 900 अट्ठारह तक पहुंच गई है और कोरोनावायरस से 21 लोगो की अभी तक मौत हो चुकी है। देश मे को रोना वायरस तीसरे चरण में दाखिल हो रहा है। भारत सरकार की ओर से लोक डाउन इसलिए किया गया था कि सामाजिक स्तर पर दूरी बनाते हुए इस महा मारी पर काबू पाया जा सके। लेकिन हुआ इसके उलट लोग हजारों की तादाद में इकट्ठा होगा बिना सामाजिक दूरी बनाए अपने अपने घरों को काफिला बनाकर चल दिए हैं।
सोने पर सुहागा यह कि हमाऱी पुलिस इनको इनके घरों तक आसानी से पहुंचाने की व्यवस्था करने के बजाए बीच में रोक रोक कर इन भूखे और प्यासे मजदूरों को बुरी तरह मारपीट रही है, जिसके चलते समस्या विकराल रूप ले रही है। यह बेचारे मजदूर गरीब नंगे भूखे प्यासे पैदल-पैदल अपने घरों तक सैकड़ों हजारों किलोमीटर का सफर पूरा कर अपने गुरु पर जल्द से जल्द पहुंच करके लोग डाउन को सफल बनाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं मगर हमारी पुलिस इनका मानसिक मानसिक और शारीरिक रूप से शोषण जमकर कर रही है। हमारे पास एक नहीं बल्कि सैकड़ों वीडियोस और फोटो
मौजूद है जो पुलिस को कटघरे में खड़ा करने के लिए काफी है। बात-बात पर और कदम कदम पर देशभक्ति का पाठ पढ़ाने वाले देश के गृहमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के साथ साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी नाथ जी इस ओर से आंखें मूंदे हुए हैं और इस पुलिस की बर्बरता को कंडोलिया प्रतिबंधित करने के बजाय उन्हें उत्साहित कर रहे हैं यह कहकर कि लोग डाउन का पालन करा रहे हैं हमारी पुलिस के साथ लोग सहयोग नहीं कर रहे। हमारे प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान दर्जनों लोगों ने कहा कि हम लोग लोक डाउन का समर्थन कर रहे हैं इसीलिए तो हम लोग अपने कारोबार छोड़ कर के अपने अपने घरों को जल्द से जल्द पहुंचना चाहते हैं,
सिरों पर गठरी कंधो पर बैग लटकाए और गोद में बच्चा उठाएं अनेक इस्त्री पुरुषों ने कहा कि हम लोग सड़कों पर नंगे पांव भूखे बिना शोर-शराबा किए सैकड़ों मील का सफर करने का हौसला हिम्मत लेकर सड़कों पर चल रहे हैं मगर हमारे देश की पुलिस हमारे ही साथ गुंडे मवाली ओं जैसा व्यवहार कर रही है। हमारे साथ हो रहे इस जुल्म और ज्यादती के लिए कौन जिम्मेदार है? हमारे दुख दर्द की ओर ध्यान देने की बजाय पुलिस हमारे साथ गुंडे मवाली ओं जैसा व्यवहार कर रही है।
हमारा सरकार से आग्रह है कि भूखे प्यासे मजदूर लोगों को अपने-अपने स्थान पर सुविधा पूर्वक जाने की व्यवस्था केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारें मिलकर के करें, जहां-जहां भी पैदल जा रहे इन लोगों के साथ अभद्र व्यवहार मारपीट या उत्पीड़न के समाचार सामने आए मां के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को इसके लिए दंडित किया जाए तथा पीड़ित व्यक्तियों को उनके घरों तक आसानी से पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए।