देश में प्रथम स्थान पर रहने वाला मुरादाबाद, पर्यावरण के स्तर पर ग्रीन जोन में आ गया है।
देश में प्रथम स्थान पर रहने वाला मुरादाबाद,
पर्यावरण के स्तर पर ग्रीन जोन में आ गया है।
मुरादाबाद, खौफनाक उड़ना वायरस से लड़ाई में स्वास्थ्य से संबंधित अच्छी खबरों को लाख डाउन में लाया है। जो मुरादाबाद 1 माह पूर्व रेड जोन में था अब वह ग्रीन जोन में आ गया है। इसका मतलब यह है कि सांस लेने के मामले में शहर की आबोहवा बहुत अच्छी है। इसकी वजह से सांस और एलर्जी की बीमारियों में भी कमी आई है। शहर में बहुत सारे लोगों ने लंबी अवधि से रात को आसमान पर साफ-सुथरे सितारों को देखने का अनुभव किया है। इनमें शहर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजीव कुमार सिंघल भी शामिल है। पर्यावरण दूषित रहने के स्तर पर प्रथम स्थान पर रहने वाला मुरादाबाद ग्रीन जोन में आ गया है। शहर में हवा का स्तर इंडेक्स 100 से नीचे है यह 1 महीने पूर्व 300 से 400 के बीच रहा। विश्लेषकों बताया कि गाड़ियों की आवाजाही रुकने के चलते हवा के वातावरण में सुधार आया है। और अगर घर से काम जैसे क्षेत्रों को आम दिनों में भी बढ़ा दिया जाता है तो फिर ट्रैफिक कम हो जाएगा। जो हवा को कम जहरीला बनाएगा। जहरीला धुआं बाहर फेंकने वाली भर्तियों पर भी यदि पर प्रतिबंध लागू करना होगी। डॉ अनामिका त्रिपाठी इंचार्ज नेशनल एयर मॉनिटरिंग राम ने बताया कि शायद लोग यकीन नहीं करते। लेकिन यह सच है कि पिछले 1 सप्ताह में हवा के वातावरण में सुधार आया है जिसका असर लोगों की सेहत पर पड़ा है। सांस की एलर्जी से संबंधित मामलों के साथ-साथ एलर्जी के मामलों में भी कमी सामने आई है।