बौद्ध तीर्थस्थलों पर भी दिखा कोरोना वायरस का असर ॥ असगर अली फैजी 

बौद्ध तीर्थस्थलों पर भी दिखा कोरोना वायरस का असर ॥


असगर अली फैजी
सिद्धार्थनगर - जनपद सिद्धार्थ नगर में चीन में फैले कोरोना वायरस का असर बौद्ध तीर्थस्थलों पर भी साफ दिखाई दे रहा है। फरवरी माह में बुद्ध की क्रीड़ास्थली कपिलवस्तु में विदेशी पर्यटकों की संख्या दहाई का भी आंकड़ा अब तक पार नहीं कर सकी। जबकि पिछले साल हजारों की संख्या में विदेशी पर्यटक दर्शन करने आए थे।
कोरोना वायरस भले ही चीन में फैला हो पर उसके असर को पूरी दुनिया के हर क्षेत्र में महसूस किया जा रहा है। जिले में भगवान बुद्ध की क्रीड़ास्थली कपिलवस्तु है, जहां उन्होंने अपने जीवन के प्रथम 29 साल गुजारे थे। यहीं पर उनकी अस्थि का अष्टम भाग भी मुख्य स्तूप में दफन था। स्तूप का दर्शन करने प्रति वर्ष हजारों की संख्या में बौद्ध धर्म के मानने वाले देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। और अपना शीश बुद्ध स्थली पर झुका कर सुख, समृद्धि की दुआ करते हैं। लेकिन चीन में इस साल जनवरी के मध्य से ही कोरोना वायरस क्या फैला कि उनकी संख्या में ऐसी कमी आ गई जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। जनवरी 2019 की तुलना में इस बार पांच गुना कम विदेशी पर्यटक आए। फरवरी की तो इतनी बुरी स्थिति है कि अब तक दहाई का आंकड़ा भी विदेशी पर्यटक पूरा नहीं कर सके। कोरोना वायरस की वजह से लगातार घट रही विदेशी पर्यटकों की संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। उनके आने से भारत को विदेशी मुद्रा मिलती थी जो फिलहाल प्रभावित होकर रह गई है।


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